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महामृत्युंजय यंत्र

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मृत्यंजय यंत्र लाभ और महत्व | Benefits and Importance of Maha Mrityunjaya Yantra

महामृत्युंजय यंत्र भगवान मृत्युंजय यानी शिव से सम्बन्धित है. शिव अनेक रूप धारण करने वाले हैं वे आरोग्य के देवता भी हैं. अपने भक्तों को आरोग्य तथा दीर्घायु प्रदान करने वाले हैं. महामृत्युंजय यंत्र को धारण अथवा यंत्र पूजन तथा स्थापना करने के रुप में उपयोग किया जा सकता है. महामृत्युंजय यंत्र को सम्मुख रखकर रूद्र सूक्त का पाठ एवं महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से लाभ होता है. महामृत्युंजय यंत्र को प्राण-प्रतिष्ठित करके उपयोग में लाया जाता है. महामृत्युंजय यंत्र स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ धन, यश, बुद्धि, विद्या को प्रदान करने वाला होता है.

इस यंत्र साधना से साधक को रोग से मुक्ति मिलती है तथा स्वास्थ्य उत्तम रहता है. महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग उपासना और मंत्र-जप के अतिरिक्त इसे कवच के रूप में भी धारण किया जा सकता है. महामृत्युंजय मंत्र एवं यंत्र, मंत्रों एवं यंत्रों में श्रेष्ठ है, अत्यंत फलदायी है, महामृत्युंजय यंत्र अभेद्य कवच है, बीमारी की अवस्था में एवं दुर्घटना इत्यादि से मृत्यु के भय को नष्ट करता है यह  शारीरिक पीड़ा को ही नहीं बल्कि मानसिक पीड़ा को भी नष्ट करता है.

एस्ट्रो गृह की भूमिका | ROLE OF ASTROGRAH

जिस प्रकार मनुष्य में प्राण होते है इसी प्रकार की शक्ति यंत्रो में होती है |इसीलिए बाजार में मिलाने वाले किसी भी यंत्र की स्थापना करने से लाभ नहीं मिलता है | हमारे संस्थान द्वारा शुभ मुहूर्त में वैदिक तरीके से यंत्रो की प्राण प्रतिष्ठा की जाकर यंत्रो की पूजा की जाती है |स्वाभाविक है कि श्रम एवं समय दोनों लगता है | हम आपको लागत मूल्य पर यंत्र उपलब्ध कराने की सुविधा  देते है | आप हमारे संस्थान से गले में धारण करने योग्य यंत्र भोजपत्र पर चांदी की ताबीज में मंगवा सकते है| जिसकी दक्षिणा यंत्र अनुसार  है जिसे तैयार करने में 7 से 21 दिन यंत्र अनुसार लगते है |जिस हेतु आपको अपना नाम ,पिता का नाम ,गोत्र ,वर्तमान स्थान हमें ईमेल astrograh.com@gmail.com  पर भेज कर बनवा सकते है |सीधे स्थापित किये जाने योग्य घर में रखने के लिए आप सीधे ऑनलाइन शॉप से  यंत्र खरीद सकते है|

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महामृत्युंजय यंत्र | Maha Mrityunjaya Yantra | Importance of Maha Mrityunjaya Yantra

यंत्रों में शक्ति सदा विराजमान रहती है जिसके कारण यंत्र शीघ्र ही अपने प्रभावों को पूर्णतः स्पष्ट कर देते हैं. ऎसा की एक यंत्र महामृत्यंजय यंत्र है. महामृत्यंजय यंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है तथा रोग को दूर करके व्यक्ति को दिर्घायु का वरदान देता है. इस यंत्र के माध्यम से भगवान शंकर की स्तुति की जाती है ,रोगों की निवृत्ति के लिये एवं दीर्घायु की कामना के लिये यह यंत्र उपयोग में लाया जाता है.

शास्त्रों में महामृत्युंजय यंत्र को उच्च स्थान प्राप्त है. यह यंत्र अभेद्य कवच के समान कार्य करता है. अकालमृत्यु से मुक्ति दिलाता यह यंत्र बीमारी में अथवा दुर्घटना इत्यादि से बचाव करता है. महामृत्यंजय यंत्र समस्त प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों का नाश करता है. इस यंत्र की पूजा करने के विशेष फल मिलते हैं तथा कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है.

महामृत्युंजय यंत्र निर्माण और उपयोग | Formation and Uses of Maha Mrityunjaya Yantra

महामृत्युंजय यंत्र का निर्माण करना एक तांत्रिक प्रणाली है इसे बनाने के लिए रेखा गणित के प्रमेय, निर्मेय, त्रिकोण, चतुर्भुज आदि जैसी आकृति बनाकर उनमें प्रत्येक स्थान पर बीज मंत्र या शक्ति संख्या लिखी जाती है. मान्यता है. यंत्र देवता का निवास स्थल होते हैं अतः प्रत्येक देवता और उसकी शक्ति के अनुसार यंत्रों का लेखन किया जाता है. महामृत्यंजय यंत्र का निर्माण शुभ समय पर तथा शुद्ध चित किया जाना चाहिए. इसका निर्माण भोजपत्र पर, कागज पर या किसी धातु की वस्तु पर किया जा सकता है.

इसको लिखने के लिए रक्त चंदन की स्याही तथा बेल या अनार की कलम का उपयोग किया जाना चाहिए. भोजपत्र के ऊपर रक्त चंदन की स्याही तथा बेल या अनार की कलम से मंत्र लिखकर इसे धूप-दीप से पूजन करना चाहिए. अब इसे किसी ताबीज में डालकर धारण किया जा सकता है. इसे धारण करने से समस्त रोग शांत होते हैं तथा स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है. इस यंत्र को धारण करने से नकारात्मक उर्जा नष्ट होती है.

शुद्ध चित से किया गया महामृत्युंजय यंत्र एवं मंत्र प्रयोग व्यक्ति को दुर्घटना, अकालमृत्यु एवं प्राणघातक रोगों से बच सकता है.

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