Description
गणेश यंत्र | Ganesha Yantra | Ganesha Yantra | Importance of Ganesh Yantra
अभिष्ट फलों की प्राप्ती हेतु यंत्र साधना का प्रतिकात्मक या चित्रात्मक रुप में उपयोग बहुत लाभदायक होता है. गणेश यंत्र सबसे महत्वपूर्ण, शुभ और शक्तिशाली यंत्र होता है जो न केवल लाभ देता है तथा व्यक्ति के लिए शुभ फलदायक होता है. गणेश भगवान को विघ्नहर्ता तथा सर्वकार्यों में प्रथम पूज्य माना जाता है, इन्हीं के यंत्र स्वरुप को अपनाकर व्यक्ति सभी कष्टों से मुक्ति एवं सुख तथा समृद्धि पाता है. यह यंत्र समस्त सांसारिक इच्छाओँ को पूरा करने का स्रोत है. किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करनी हो तो भगवान गणेश की पूजा उत्तम फल प्रदान करने वाली होती है. भगवान गणेश का पूजन यंत्र के रूप में करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है.
गणेश यंत्र का उपयोग | Use of Ganesha Yantra
श्री गणेश यंत्र को चल एवं अचल दोनों तरह से प्रतिष्ठित किया जाता है. गणेश यंत्र के पूजन से जीवन में धन व समृद्धि की प्राप्ति होती है, यंत्र को गंगाजल से स्नान करा कर शुद्ध कर लेना चाहिये. धूप-बत्ती दिखाकर श्री गणेश मंत्र जप व पाठ करना चाहिये, प्रतिदिन श्रीगणेश यंत्र की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करने से संकट दूर होते हैं. नित्य गणेश मंत्र का जप समस्त कामनाओं को पूर्ण करता है.
गणेश यंत्र पूजा | Ganesha Yantra Puja
श्री गणेश यंत्र के सामने गाय के घी से मिश्रित अन्न की आहुतियाँ देने से समृद्धि की कमी नहीं होती. अष्टद्रव्यों से प्रतिदिन आहुति देने से व्यक्ति धनवान बनता है. भगवान श्रीगणेश यंत्र की स्थापना करने पर यंत्र के समक्ष सुबह-शाम दीपक व भोग लगाएं तथा आरती किया करें. श्रीगणेश यंत्र की स्थापना ईशाण कोण में करें. स्थापना इस प्रकार करें कि यंत्र का मुख पश्चिम की ओर रहे.
गणेश यंत्र पर दुर्वा व ताजे फूल चढ़ाएं स्थापना स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखें तथा स्थापना के पश्चात यंत्र को इधर-उधर न रखें. प्रतिदिन मूलमन्त्र ॐ गं गणपतयै नम: से तर्पण करने से मनो वांछित फल की प्राप्ति होती है. धर्म ग्रंथों में इस संबंध में कई नियम बताए गए हैं, यदि इन नियमों के अनुसार भगवान श्रीगणेश यंत्र की स्थापना व पूजन प्रतिदिन करें व कुछ सावधानियों को ध्यान रखें तो श्रीगणेश यंत्र पूजन का मनोवांछित फल मिलता है.
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